सड़क सुरक्षा: ज़िंदगी बचाने का संकल्प - डॉ. सुनील सिंह गौतम, न्यूरोसर्जन, गौतम हॉस्पिटल, रुद्रपुर
भारत में हर दिन हज़ारों ज़िंदगियाँ सड़क हादसों में खत्म हो जाती हैं। 2024 के आँकड़े चौंकाने वाले हैं:
- कुल 4,90,000 सड़क दुर्घटनाएँ दर्ज हुईं।
- इनमें से लगभग 1,80,000 लोगों की मौत हुई।
- औसतन हर घंटे 20 दुर्घटनाएँ होती हैं।
सोचिए, हर घंटे 20 हादसे और इतने परिवार उजड़ जाते हैं। यह स्थिति किसी भी बड़ी बीमारी से ज़्यादा डरावनी है।
हादसों के बड़े कारण
तेज़ रफ्तार – 70% से ज्यादा मौतें ओवर स्पीडिंग से।
हेलमेट न पहनना – 50,000 से ज्यादा मौतें केवल लापरवाही से।
सीट बेल्ट न लगाना – 16,000 मौतें बचाई जा सकती थीं।
शराब पीकर गाड़ी चलाना – हर साल लगभग 5,000 जानें जाती हैं।
भीड़भाड़ का समय – शाम 6 से 9 बजे के बीच सबसे ज्यादा दुर्घटनाएँ।
हम क्या कर सकते हैं?
🚦 गति पर नियंत्रण रखें – स्पीड लिमिट हमेशा फॉलो करें।
🪖 हेलमेट और सीट बेल्ट – अपनी और परिवार की जान बचाने की ढाल हैं।
🍺 नशे में ड्राइविंग बिल्कुल न करें – शराब आपके रिफ़्लेक्स कमजोर कर देती है।
📱 मोबाइल का इस्तेमाल न करें – ध्यान सिर्फ सड़क पर होना चाहिए।
🛣️ लेन डिसिप्लिन बनाए रखें – हाइवे पर गलत लेन बदलना सबसे बड़ा खतरा है।
हादसा हो जाए तो?
- घबराएँ नहीं, तुरंत घायल को अस्पताल पहुँचाएँ।
- कोशिश करें ऐसे अस्पताल जाएँ जहाँ:
- 24 घंटे न्यूरोसर्जन उपलब्ध हों
- CT Scan और ICU की सुविधा हो
- समय पर इलाज मिलने से मरीज की जान बचने और विकलांगता कम होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
हमारा संकल्प
✅ तेज़ गाड़ी नहीं चलाएँगे।
✅ हेलमेट और सीट बेल्ट हमेशा पहनेंगे।
✅ शराब या नशे में गाड़ी नहीं चलाएँगे।
✅ यातायात नियमों का पालन करेंगे और दूसरों को भी समझाएँगे।
सड़क सुरक्षा केवल कानून का पालन करने की बात नहीं है। यह अपनी और अपनों की ज़िंदगी की रक्षा करने का वादा है।
अगर हम सब मिलकर सावधानी बरतें, तो हर साल लाखों जानें बचाई जा सकती हैं।
गौतम हॉस्पिटल, रुद्रपुर – आपकी सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए हमेशा तत्पर।